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क्या आपके बैंक अकाउंट से पैसे काट लेते हैं बैंक ?  जानें, क्यों लगते हैं चार्ज और कैसे करें इन चार्ज से बचाव ?..... 

Do banks deduct money from your bank account? Know- Why are charges imposed and how to protect yourself from these charges?.....

 
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आज के समय पर हर किसी के पास बैंक खाता है , लोगों के पास एक नहीं बल्कि कई खाता उपलब्ध है, और इन खातों से काफी सहूलियत भी होती है लेकिन कभी-कभी ज्यादा खाता होने की वजह से कई दिक्कतें भी हो जाती हैं. ज्यादा खाता होने की वजह से हमें शुल्क भी ज्यादा देना पड़ता है और मिनिमम बैलेंस भी रखना पड़ता है अगर बैलेंस ना हो तो अकाउंट मायनेस में पहुँच जाता है . प्रधानमंत्री के द्वारा चलाई गई जन धन योजना के बाद खातों की संख्या में और भी ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है अगर आपके पास भी बैंक खाता है तो आपने भी देखा होगा कि कई बार आपके बैंक खाते से पैसे काट लिए जाते हैं. आईए जानते हैं कि आखिर बैंक आपके खाते से पैसे क्यों काटता है? 

अकाउंट टाइप के हिसाब से होते हैं चार्ज 

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दरअसल में आपको बता दे कि ज्यादातर बैंकों में लोग अपने दो टाइप के अकाउंट ही खुलवाते हैं, पहला सेविंग अकाउंट और दूसरा करंट अकाउंट. लेकिन जिन लोगों की इनकम कम होती है ऐसे लोग बचत बैंक खाता ही ज्यादा प्रेफर करते हैं, और जिनके पास पैसा ज्यादा होता है ऐसे लोग करंट खाता खोलते हैं. 

दो टाइप के होते हैं सेविंग अकाउंट 

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ज्यादातर लोग जो मिडिल परिवार के होते हैं ऐसे लोग बचत खाता खुलवाना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि इनकी इनकम ज्यादा नहीं होती है. लेकिन आपको बता दें कि बचत यानी सेविंग अकाउंट भी दो टाइप के होते हैं, पहले होता है जीरो बैलेंस अकाउंट और दूसरा होता है मिनिमम बैलेंस अकाउंट. अगर आपका जीरो बैलेंस अकाउंट है तो आपको पैसा रखने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन मिनिमम बैलेंस अकाउंट में आपके अकाउंट में एक निश्चित राशि होनी ही चाहिए. 

आईए जानते हैं बैंकों के मुख्य शुल्क के बारे में 

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आपका बैंक में चाहे किसी प्रकार का खाता हो लेकिन आपके खाते के प्रकार से उसकी जमा राशि पर अलग-अलग शुल्क देने पड़ते हैं, आईए जानते हैं कि बैंकों के द्वारा कौन सी चार्ज वसूले जाते हैं और इन चार्ज से कैसे बच सकते हैं? 

1. मेंटेन/सर्विस फीस : हर बैंक के द्वारा खाते को मेंटेन करने के लिए सर्विस शुल्क देना पड़ता है इसकी दर बैंकों के हिसाब से अलग-अलग होती है. 

बचाव : आपको बता दें कि ऐसी कई बैंक हैं जो एक लिमिट से ज्यादा ट्रांजेक्शन होने पर इसे माफ कर देते हैं लेकिन इसको जानने के लिए आपको बैंक के नियम और शर्तों को ठीक से पढ़ना होगा. 

2. एटीएम चार्ज : अगर आप अपने डेबिट कार्ड के द्वारा किसी दूसरे बैंक एटीएम से कैसे निकालते हैं तो इसके लिए भी आपको अलग से चार्ज देना होता है, लेकिन अब अपने बैंक के एटीएम के द्वारा भी चार बार ही फ्री में पैसे निकाल सकते हैं उसके बाद निकलने पर आपको चार्ज देना पड़ेगा. 

बचाव : इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि आप अपने हिसाब एक या दो बार में ही पैसे निकालना, साथ ही दूसरी बैंक का एटीएम इस्तेमाल करने पर जितना बचा जाए उतना ही सही रहेगा. 

3. डेबिट कार्ड फीस : अगर आप किसी भी बैंक में अपना खाता खुलवाते हैं तो आपको उसके साथ में डेबिट कार्ड भी दिया जाता है और इस डेबिट कार्ड पर सालाना आधार पर शुल्क वसूला जाता है. 

बचाव :  इससे बचने के लिए अगर आपको एटीएम की जरूरत होती है तो आप बैंक से एटीएम ले वरना नहीं ले, अगर आपके पास एक से अधिक कहते हैं तो आप एक डेबिट कार्ड के द्वारा भी पैसे निकाल सकते हैं. 

5.अकाउंट क्लोज़िंग चार्ज : अगर आपको बैंक खाते की ज्यादा ही जरूरत है तभी खाता खुलवाए वरना आपको इसे बंद करने पर भी चार्ज देना पड़ेगा. 

बचाव : अकाउंट खुलवाने के कुछ दिन बाद बंद करने पर कोई भी चार्ज नहीं दिया जाता है और इस शरद को जानना भी बहुत ही ज्यादा जरूरी है. अगर आप एक साल या फिर उसके बाद में बैंक खाता बंद करते हैं तो उसे पर चार्ज देना पड़ेगा. 

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5. डोरमेंसी फीस : अगर आप खाता खुलवाने के कई दिनों बाद भी इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं तो बैंक के द्वारा आपका खाता डॉर्मेंट लिस्ट में डाल दिया जाता है और इसकी अवधि 1 साल की होती है. 

बचाव :  इससे बचने के लिए आप अपने खाते का लेन देन नियमित रूप से करते रहें. आप अपने अकाउंट में पैसे डालकर निकलवा सकते हैं जिससे आपका खाता चालू रहेगा. 

ओवरड्राफ्ट फीस : हर बैंकों द्वारा यह सुविधा नहीं दी जाती है लेकिन अगर आपके बैंक खाते में पैसे नहीं है तो आप एक निश्चित रकम खाते से निकाल सकते हैं।

बचाव :  ऐसी कोशिश करें कि आपको इसकी जरुरत कभी न पड़े ,और हर महीने अपनी इनकम में से कुछ राशि बचत के रूप में डालना शुरू करें।

ट्रांसफर फी : आप किसी दूसरे अकाउंट में यूपीआई, आईएमपीएस, आरटीजीएस, एनईएफटी जैसे माध्यमों से पैसे भेजते हैं ,इनसे भी शुल्क लिया जाता है।आईएमपीएस ट्रांसफर पर कई बैंक पैसे चार्ज करते हैं।

बचाव : लेनदेन के लिए आप यूपीआई, RTGS और NEFT का इस्तेमाल कर सकते है। 

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