750 ML की ही क्यों होती है शराब की बोतल पीने वालों को भी नहीं होगा पता ,जानिए इसके कारण….

शराब जितनी पुरानी होती है उतना ही ज्यादा उसमें नशा होता है, और उसका टेस्ट भी उतना ही ज्यादा बढ़ जाता है और इसका मुख्य कारण है उसमें मिले हुए केमिकल क्योंकि आजकल ज्यादातर पीने और खाने वाली चीजों में केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. आज हम आपको केमिकल के बारे में नहीं बल्कि शराब से जुड़ी हुई कुछ रोचक चीजें बताने वाले हैं, जिसमें आज हम शराब की बोतल से जुड़ी हुई कुछ बातें बताने वाले हैं, ज्यादातर लोग शराब पी रहे हैं और जो लोग नहीं पीते हैं उन्होंने भी बोतल की साइज को जरूर देखा होगा आज हम आपको इस बोतल के साइज के बारे में ही बताने वाले हैं.
कांच की बोतल थी बहुत महंगी
पुरानी समय में कांच की बोतल बहुत ही ज्यादा कम देखने को मिलती थी क्योंकि यह बहुत ज्यादा महंगी होती थी, और महंगी होने की वजह से आम लोग तो उसको खरीदनी नहीं पाते थे. अगर 18 वीं शताब्दी की बात की जाए तो समय पर कांच की बोतल बहुत कम देखने को मिलती थी और घरों में कांच के गिलास देखने को मिलते थे लेकिन बाद में उत्पादन बढ़ने से लागत कम हो गई.
750 मिलीलीटर की क्यों होती है शराब की बोतल?
750 मिलीलीटर का आकार एक ऐसा आकार है जिसे आसानी से पैक और परिवहन किया जा सकता है। यह आकार एक मानक बक्से में भी फिट होता है, जिससे भंडारण और विपणन को आसान बनाया जाता है।लेकिन यह इतना बड़ा नहीं है कि इसे जल्दी से खत्म कर दिया जाए।आज, 750 मिलीलीटर शराब की बोतलों का आकार दुनिया भर में मानक है। भारत में, शराब की बोतलों को अक्सर "खंभा" कहा जाता है।
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पहली कि समय पर कांच की बोतल की बहुत ज्यादा मजबूत
दरअसल में जाकर लोगों को यह भी पता नहीं होगा कि कांच की बोतल है कोयले की भट्टी मैं बनाई जाती थी, जिसकी वजह से वह बहुत ही ज्यादा मजबूत होती थी. और इनमें गोल की बजाय लंबी बोतल बनाई जाती थी, क्योंकि इसमें किसी भी पदार्थ को लंबे समय तक रिस्टोर किया जा सकता था और इसमें कोई परेशानी नहीं होती थी इसके साथ ही इसका परिवहन भी आसानी से किया जाता था.